रोहित का नामांकन काफिला बदल देगा बाघमारा की सियासत की गुणा गणित
कतरास। बाघमारा विधानसभा से रोहित यादव सोमवार को अपना नामांकन करेंगे. उनके समर्थकों का मानना है कि नामांकन रैली बाघमारा ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में लिए ऐतिहासिक होगा. समर्थकों का दावा है नामांकन रैली में एक लाख की भीड़ जुटेगी. रोहित के काफिले में तीन हजार चार पहिया वाहन के अलावे हजारों की संख्या में मोटरसाइकिल रहेगा .हालांकि रोहित यादव ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोकेंगे या फिर किसी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे.साथ ही उन्होंने अब तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है इससे लोगों में सस्पेंस बरकरार है. इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है चर्चा है .कल देर शाम कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह पार्टी पदाधिकारियों के साथ रोहित यादव के तेतुलिया स्थित आवासीय कार्यालय पहुंचे थे जहां जिला अध्यक्ष ने रोहित यादव से बंद कमरे में गुफ्तगू की थी. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. बरहाल चर्चाओं में कितनी सच्चाई है यह तो समय पर ही पता चल सकता है लेकिन एक बात तो तय है की बाघमारा से रोहित यादव के
नामांकन के बाद बाघमारा की सियासत फिजा बदल जाएगी।
कांग्रेस के वरीय नेता रोहित यादव मीडिया के सामने आने से कर रहे परहेज, क्या कुछ गुल खिल रहा है , ऐसे में बाघमारा की जनता ओफो की स्थिति में, कही मनमलौयत खेल में कल कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष तो आज कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी।
चुनाव से वर्ष के शुरुआती दौर में राष्ट्रीय जनता दल से कांग्रेस पार्टी के सदस्यता ग्रहण करने के बाद रोहित यादव ने लोगों को इस तरह जोड़ने का काम किया जैसे 5 साल का काम 5 महीना में दिखने लगा था। फिर किस परसेंटेज के आधार पर टिकट रोहित यादव को काटा गया जिससे यह नाराज है।
लेकिन इतनी नाराजगी अगर रोहित यादव में दिख रहा है तो जो 15 से 25 वर्षों से राजनीतिक बाघमारा में कांग्रेस की झंडा बैनर तले करते आ रहे हैं आखिर इन नेताओं क्या कदम उठाएंगे, अगर इस तरह का पार्टी में विखंडित होते दिखेगा तो सियासी भूचाल को रोक नहीं सकेगा और इसका फायदा विपक्ष पूरी तरह से उठाने में कामयाब होगा।
लेकिन सवाल है कि जिसने इन्हें पार्टी मे टिकट का लालच देते हुए शामिल करा कर टिकट दिलाने में असफल साबित के बाद ऐसी स्थिति क्यों है जो चुनाव लड़ने से रोहित यादव को मना करने जा रहे हैं ,कांग्रेस पार्टी के लोग क्या उनके